Ankur Madhav Exposed | विश्व में लाखों कथावाचक और गुरु हैं जो यह दावा करते हैं कि वह सच्चे गुरु हैं। तो कुछ आरोप लगाते हैं कि वह पूर्ण गुरु नहीं हैं। और ऐसे कथावाचकों का यह भी कहना है कि श्रीराम ही सबके बाप यानि परमात्मा है।
लेकिन पाठकों इसका निर्णय हम किसी संत या कथावाचक के कहने से नहीं ले सकते बल्कि अपने धर्मग्रंथों से ही कर सकते हैं।
तो चलिए इस लेख में जानते हैं राम कथावाचक अंकुर माधव द्वारा संत रामपाल जी महाराज पर लगाए गए आरोपों में कितना दम है या फिर अंकुर माधव जी को ही श्रीराम का भी ज्ञान नहीं है।
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Ankur Madhav Exposed: संत रामपाल जी स्वयंभू गुरु
विदिशा (मध्यप्रदेश) के गंजबासौदा के कथावाचक श्रीराम रसधारा परिवार संस्थापक पंडित अंकुर माधव महाराज ने संत रामपाल जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि संत रामपाल जी महाराज का कोई गुरु नहीं है, वह स्वयंभू गुरु हैं।
लेकिन सच्चाई तो यह है कि संत रामपाल जी की गुरू प्रणाली के अनुसार वह ग्यारहवें गुरु हैं। जिसका प्रमाण संत रामपाल जी महाराज द्वारा संत गरीबदास जी व कबीर साहिब जी की वाणी का संग्रह कर बनाई गई पुस्तक भक्ति बोध में है। जिसके अनुसार
संत रामपाल जी महाराज की गुरू प्रणाली
- बन्दी छोड़ कबीर साहिब जी महाराज, काशी (उत्तर प्रदेश)
- गरीबदास जी महाराज, गांव-छुड़ानी, झज्जर (हरियाणा)
- संत शीतलदास जी महाराज, गांव-बरहाना, जिला-रोहतक (हरियाणा)
- संत ध्यानदास जी महाराज
- संत रामदास जी महाराज
- संत ब्रह्मानन्द जी महाराज, गांव-करौंथा, जिला – रोहतक (हरियाणा)
- संत जुगतानन्द जी महाराज
- संत गंगेश्वरानन्द जी महाराज, गांव-बाजीदपुर (दिल्ली)
- संत चिदानन्द जी महाराज, गांव-गोपालपुर धाम, सोनीपत (हरियाणा)
- संत रामदेवानन्द जी महाराज, तलवंडी भाई, फिरोजपुर (पंजाब)
- संत रामपाल दास महाराज, गांव-धनाना धाम, सोनीपत (हरियाणा)
सच्चे गुरु की पहचान
Ankur Madhav Exposed: राम कथावाचक अंकुर माधव का कहना है कि गुरु वह है जिनके माथे पर तिलक हो और उसकी गुरु परंपरा हो। लेकिन कबीर साहिब जी ने इस विषय में कहा है:
कण्ठी माला सुमरणी, पहरे से क्या होय।
ऊपर डूंडा साध का, अन्तर राखा खोय।।
अर्थात् कुछ सिर के ऊपर लंबे-लंबे बाल रखते हैं, मस्तिक के ऊपर तिलक लगाते हैं, कोई गले में माला डालते हैं, कोई वस्त्रों को लाल रंग से रंग कर साधु बन जाते हैं लेकिन उनके पास कोरा अज्ञान होता है यानी परमात्मा इस प्रकार के बाहरी आडंबर करने से नहीं मिलता। यानि गुरु की पहचान उसके ज्ञान से होती है न कि वेशभूषा से।
Ankur Madhav Exposed: गीता के अनुसार पूर्णगुरु
वहीं, गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में बताया गया है कि पूर्ण गुरु अर्थात तत्वदर्शी संत वह है जो संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष के सभी विभागों को वेदों अनुसार बताता है कि मूल रूपी परमात्मा कौन है और उससे निकलने वाले तना, डार, शाखा, पत्ते आदि कौन है?
गीता में वर्णित उलटे लटके हुए वृक्ष का भेद वर्तमान समय में संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिया जा रहा है जिन्होंने अपने सत्संग में बताया है:
कबीर, अक्षर पुरुष एक पेड़ है, क्षर पुरुष बाकी डार।
तीनों देवा शाखा हैं, पात रूप संसार।।
कबीर सागर में सद्गुरु के लक्षण
पूर्णगुरु के लक्षण बताते हुए कबीर परमेश्वर ने कबीर सागर (बोधसागर खंड), अध्याय – जीव धर्म बोध के पृष्ठ 1960 में कहा है:
गुरु के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र का ज्ञाता।
दूजे हरि भक्ति मन कर्म वाणी, तीसरे सम दृष्टि कर जानी।
चौथे वेद विधि सब कर्मा, यह चार गुरु गुण जानो मर्मा।।
अर्थात पूर्ण गुरु वह है,
- जो वेदों तथा अन्य सभी ग्रंथों का पूर्ण ज्ञानी हो।
- वह वेदों के अनुसार परमात्मा की भक्ति मन, कर्म, वचन से स्वयं करता है और करवाता है तथा उसकी करणी और कथनी में कोई अंतर नहीं होता।
- वह सर्व अनुयायियों को समान दृष्टि से देखता है, ऊंच नीच का भेद नहीं करता।
- सभी शास्त्रों के अनुसार भक्ति कर्म करवाता है।
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वहीं, इन चारों लक्षणों की जांच करने पर पता चलता है कि वास्तव में ये लक्षण तो केवल संत रामपाल जी महाराज पर खरे उतरते हैं यानि शास्त्रों के अनुसार संत रामपाल जी महाराज ही पूर्णगुरु हैं।
Ankur Madhav Exposed: श्रीराम पूर्णब्रह्म हैं या कोई और?
राम कथावाचक अंकुर माधव अपने प्रवचनों में दशरथ पुत्र श्री राम को पूर्ण ब्रह्म बताते हैं और कहते हैं कि राम जी कालों के काल हैं, सबके बाप हैं, उनसे बड़ा कोई नहीं है।
जो यह सिद्ध करता है कि अंकुर माधव को अपने सद्ग्रथों का ही ज्ञान नहीं है क्योंकि श्री राम की तो सरयू नदी में समाधि लेने से मृत्यु हुई थी। इसके अलावा श्री राम, श्री विष्णु जी के अवतार हैं और संत रामपाल जी महाराज ने श्रीमद्देवीभागवत के स्कंध 3, अध्याय 4-5 से यह प्रमाणित किया है कि ब्रह्मा विष्णु और महेश अजर अमर नहीं हैं। उनका आविर्भाव अर्थात् जन्म तथा तिरोभाव अर्थात् मृत्यु होती है।
दूसरी बात यह है कि श्रीमद्देवीभागवत के पहले स्कन्ध के अध्याय 4 में भगवान् श्रीहरि (विष्णु जी) उर्फ श्रीराम जी ब्रह्मा जी से कहते हैं कि “मुझे सब प्रकार से शक्ति के अधीन होकर रहना पड़ता है। उन्हीं भगवती शक्ति का मैं निरन्तर ध्यान किया करता हूँ। ब्रह्माजी! मेरी जानकारी में इन भगवती शक्ति से बढ़कर दूसरे कोई देवता नहीं हैं।”
पाठकों, देवीपुराण से स्पष्ट हुआ की अंकुर माधव जी झूठ बोल रहे हैं कि श्री राम अर्थात श्री विष्णु जी पूर्ण ब्रह्म हैं, वे सबके बाप हैं जबकि श्री विष्णु जी ने अपने से अन्य सर्व समर्थ शक्ति श्री देवी दुर्गा को बताया है।
सर्व सृष्टि रचनहार परम अक्षर ब्रह्म है
Ankur Madhav Exposed: वही, श्रीमद्देवीभागवत के सातवें स्कंध के अध्याय 36 में श्री देवी जी अपने से अन्य ब्रह्म की साधना को कह रहीं हैं और उसका ॐ मंत्र बता रहीं हैं जोकि ब्रह्मलोक में रहता है। जबकि गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता यानि ब्रह्म ने कहा है कि परम शांति प्राप्त करनी है अर्थात् जन्म-मरण से छुटकारा चाहता है तथा सनातन परम धाम को प्राप्त करना चाहता है तो उस परमेश्वर की शरण में जा। जिसको गीता अध्याय 8 श्लोक 3 में परम अक्षर ब्रह्म कहा है।
फिर गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में गीता ज्ञान दाता ब्रह्म ने कहता है कि मैं भी उसी आदि पुरुष नारायण यानी सनातन पूर्ण परमात्मा, परम अक्षर ब्रह्म की मैं शरण में हूँ। जिससे यह सारी सृष्टि उत्पन्न हुई है। इससे स्पष्ट होता है कि श्रीराम पूर्णब्रह्म नहीं हैं बल्कि कोई और परमात्मा है। जिसकी विस्तृत जानकारी जानने के लिए सृष्टि रचना देखना बहुत जरूरी है।
Ankur Madhav Exposed: निष्कर्ष
पाठकों, इस लेख में बताए गए प्रमाणों से यह सिद्ध होता है कि अंकुर माधव जी द्वारा संत रामपाल जी महाराज पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। साथ ही, यह भी स्पष्ट होता है कि अंकुर माधव को अपने ही सद्ग्रथों का ज्ञान न होने के कारण संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए जा रहे सही ज्ञान को गलत बता रहे हैं जबकि संत रामपाल जी ने सद्ग्रथों को गहराई से समझ कर शास्त्र अनुकूल ज्ञान को समाज के समक्ष पेश किया है। ऐसी और भी प्रमाणित वीडियो देखने के लिए Factful Debate YouTube Channel देखिए।
Ankur Madhav Exposed : FAQs
संत रामपाल जी महाराज के गुरु का क्या नाम है?
स्वामी रामदेवानंद जी महाराज
श्री राम किसके पुत्र हैं?
अयोध्या के राजा दशरथ जी के।
क्या तिलक लगाना सच्चे गुरु की पहचान है?
नहीं, संत की पहचान ज्ञान से होती है, वेशभूषा से नहीं।
श्रीराम पूर्ण ब्रह्म परमात्मा हैं या नहीं?
श्रीराम पूर्ण ब्रह्म परमात्मा नहीं हैं बल्कि वे तीन लोक के प्रभु श्री विष्णु जी के अवतार हैं। जिनसे अधिक शक्ति युक्त देवी दुर्गा, ब्रह्म और परम अक्षर ब्रह्म है। इनमें से परम अक्षर ब्रह्म ही पूर्ण ब्रह्म परमात्मा है। उसका नाम कबीर साहिब है। जिसकी प्रमाणित जानकारी सम्पूर्ण सृष्टि रचना वीडियो से लगती है।