Kamika Ekadashi: Factful Debates

Kamika Ekadashi पर यह कार्य न करें, अन्यथा लाभ से रह जाएंगे वंचित

Kamika Ekadashi हिन्दू पंचांग के अनुसार एक महत्वपूर्ण व्रत दिन होता है, जो विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस दिन विशेष पूजा और व्रत विधियों का पालन करके श्रद्धालु भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करते हैं। जानिए इस लेख में इस दिन किन कार्यों से बचना चाहिए और इसका महत्व क्या है। 

Kamika Ekadashi meaning

कामिका एकादशी का मतलब है ‘कामना पूर्ण करने वाली एकादशी’।

Kamika Ekadashi kab hai

कामिका एकादशी 2024 में 18 अगस्त को मनाई जाएगी। यह तिथि विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

Kamika Ekadashi vrat katha

लोक मान्यताओं और दंत कथाओं की माने तो कामिका एकादशी के दिन एक राजकुमार ने व्रत रखकर भगवान विष्णु की आराधना की। उसकी तपस्या और व्रत की शक्ति से उसके सारे कष्ट दूर हो गए और उसे अपार सुख और समृद्धि प्राप्त हुई। 

लेकिन गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में श्रीकृष्ण उर्फ श्री विष्णु जी ने व्रत करने के लिए मना किया है और गीता अध्याय 17 श्लोक 5,6 में तपस्या करने वालों को राक्षस स्वभाव के कहा गया है। वही गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में कहा है कि शास्त्र विरुद्ध मनमाने आचरण से कोई लाभ नहीं होता। तो श्रीकृष्ण (विष्णु) जी के माने या इस दंत कथा की आप स्वयं फैसला करें। 

Kamika Ekadashi ki katha

लोक मान्यता अनुसार, कामिका एकादशी की कथा में वर्णित है कि इस दिन व्रत करने वाले को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से सारे पाप समाप्त होते हैं और मोक्ष प्राप्ति के द्वार खुलते हैं।

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लेकिन देवी पुराण के तीसरे स्कन्ध अध्याय 5 में विष्णु जी स्वयं कहते हैं कि हमारा तो जन्म और मृत्यु होता है। तो विचार करिए जब इनका स्वयं मोक्ष नहीं हुआ तो इनके व्रत रखने से इनके उपासकों का मोक्ष कैसे होगा। 

दूसरी बात, हम सभी जानते हैं कि विष्णु जी को श्राप नारद जी ने दिया तो वे श्रीराम रूप मे पूरे जीवन कष्ट उठाए और श्रीराम (विष्णु) जी को बाली ने श्राप दिया तो उसका बदला श्रीकृष्ण रूप में उन्हें देना पड़ा। जब विष्णु जी अपने पापों का नाश नहीं कर सके तो अपने साधकों का कहाँ से कर देंगे।

Kamika Ekadashi significance: कामिका एकादशी का महत्व

विष्णु जी के कामिका एकादशी व्रत रखने से लाभ नहीं होगा बल्कि हमें गीता में वर्णित भक्ति करनी होगी। जिसे जानने के लिए गीता ज्ञान दाता ने गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में तत्वदर्शी संत की शरण में जाने को कहा है और उसकी पहचान गीता अध्याय 15 श्लोक 1 में बताई है। 

कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) में क्या खास है?

कामिका एकादशी में खास बात यह है कि आपको सद्ग्रंथों का ज्ञान पता चल रहा है कि व्रत रखने और विष्णु जी की पूजा से पाप नाश नहीं होंगे और ना ही मोक्ष होगा। 
बल्कि पाप नाशक परमात्मा और मोक्ष दायक परमात्मा कविर्देव (कबीर साहेब) जी हैं। प्रमाण यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13, ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 86 मंत्र 26, 27, सामवेद मंत्र संख्या 822।

Kamika Ekadashi कैसे करें?

कामिका एकादशी हो या कोई अन्य व्रत हमें गीता अध्याय 16 श्लोक 24 के अनुसार शास्त्र सम्मत भक्ति करणी होगी तभी लाभ मिलेगा।
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