Who is God in hindi | हम सभी अपने माता-पिता को बचपन से ही किसी न किसी ना किसी भगवान की पूजा करते देखते हैं और कभी न कभी हमारे दिमाग में भी अनेक देवी-देवताओं की पूजा करते देख यह प्रश्न अवश्य उठता है कि आखिर भगवान कौन है, परमात्मा कौन है?
पाठकों! इसी दुविधा में आज भी धर्म का चोला ओढ़े हमारे धर्मगुरु, कथावाचक व महंत पड़े हुए हैं। कोई ज्योति निरंजन (ब्रह्म काल) को परमात्मा बताता है तो कोई श्री विष्णु जी को तथा उनके अवतार श्रीराम, श्रीकृष्ण को, तो कोई शिव जी को, तो कोई कबीर जी को परमात्मा बताता है। और ये सभी वेदों, गीता तथा पुराणों को सत्य मानते हैं।
अब सोचने वाली बात यह है कि जब वेद, गीता तथा पुराण सत्य हैं तो इन सद्ग्रंथों में किसी एक को परमात्मा बताया गया होगा जो सृष्टि का रचनहार है। क्योंकि सभी तो सृष्टि रचनहार नहीं हो सकते और हम सभी इन धर्मगुरुओं से भी सुनते हैं कि सबका मालिक एक है।
तो वहीं संत रामपाल जी महाराज वेदों, गीता से कबीर जी को परमात्मा सिद्ध करने का दावा करते हैं जिसे लेकर कई संत, महंतों, आचार्यों को आपत्ति है। तो चलिए इस लेख में सद्ग्रंथों से जानते हैं किस बाबा, किस महंत, किस आचार्य व किस संत के दावे में कितना दम है तथा वह परमात्मा (Who is God in hindi) कौन है, जिसकी सभी को तलाश है?
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Who is God in hindi: वेदों में वर्णित परमात्मा के लक्षण
लक्षण 1 – ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1, ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 161 मंत्र 2 और ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 80 मंत्र 2 में बताया गया है कि परमात्मा अपने साधक के पाप नाश करके उसकी 100 वर्ष आयु बढ़ा सकता है।
लक्षण 2 – परमात्मा पूर्ण मोक्ष दायक है।
लक्षण 3 – ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में लिखा है कि परमात्मा ऊपर के लोक में राजा के समान विराजमान है यानी देखने में राजा के समान दर्शनीय है।
लक्षण 4 – ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 86 मंत्र 26 में लिखा है कि परमात्मा, यथार्थ अध्यात्म ज्ञान बताने के लिए अपने धाम से सशरीर पृथ्वी पर आता है और अच्छी आत्माओं को मिलता है।
लक्षण 5 – ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 8 के अनुसार, परमात्मा शिशु रूप में सशरीर पृथ्वी पर प्रकट होता है और जल के अंदर कमल के फूल पर दिखाई देता है।
लक्षण 6 – ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है कि परमात्मा की शिशु रूप में परवरिश की लीला कुंवारी गायों के दूध से होती है।
लक्षण 7 – ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मंत्र 16-20 के अनुसार, वह परमात्मा, जो तत्वज्ञान का प्रचार अपने मुखकमल से कवियों की तरह दोहे, चौपाई और कविताओं के माध्यम से करता है। इसी कारण उसे एक प्रसिद्ध कवि की उपाधि भी प्राप्त होती है, लेकिन वह वास्तव में परमात्मा होता है।
लक्षण 8 – ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 94 मंत्र 1 और मंडल 9, सूक्त 95, मंत्र 2 में लिखा है कि परमात्मा कवियों की तरह आचरण करते हुए पृथ्वी पर विचरण करता है और वाणी बोल-बोलकर साधकों को अपनी भक्ति करने की प्रेरणा देता है। साथ ही, वह मोक्ष मार्ग के यथार्थ नामों का ज्ञान कराता है।
लक्षण 9 – यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 8, ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 और गीता अध्याय 15 श्लोक 17 के अनुसार, परमात्मा की कभी मृत्यु नहीं होती। वह सशरीर अपने सनातन परमधाम से आता है और वापिस सशरीर चला जाता है क्योंकि वह अविनाशी है।
लक्षण 10 – पूर्ण परमात्मा सर्वज्ञ होता है।
लक्षण 11 – ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मंत्र 4 के अनुसार, पूर्ण परमात्मा सत चरित्र वाला होता है।
Who is God in hindi: ब्रह्मा-विष्णु-शिव ईश नहीं हैं!
पाठकों, कोई ज्योति निरंजन (ब्रह्म) को परमात्मा बताता है तो कोई श्री विष्णु जी (उनके अवतार श्रीराम, श्रीकृष्ण) को, तो कोई शिव जी को परमात्मा बताता है। जबकि श्री शिव महापुराण, विद्येश्वर संहिता अध्याय 6-9 में (अनुवादकर्ता – विद्यावारिधि पं. ज्वाला प्रसाद जी मिश्र, प्रकाशक – खेमराज श्रीकृष्णदास प्रकाशन, बम्बई) में मिलता है, जहाँ काल ब्रह्म ने अपने पुत्रों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) से कहा है कि “तुम ईश नहीं हो,” अर्थात तुम परमात्मा नहीं हो।
इसके अलावा श्रीमद्देवीभागवत, तीसरे स्कन्ध के अध्याय 4-5 में विष्णु जी स्वयं स्वीकार करते हैं कि ब्रह्मा, विष्णु और शिव हम तीनों जन्म और मृत्यु में हैं अर्थात अविनाशी नहीं हैं। तथा गीता ज्ञानदाता ब्रह्म गीता अध्याय 4 श्लोक 5 में कहा है कि मेरे और तेरे बहुत जन्म हो चुके हैं। तू नहीं जानता, मैं जानता हूँ। यानि अविनाशी ज्योति निरंजन ब्रह्म भी नहीं है।
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बल्कि गीता अध्याय 15 श्लोक 17 और गीता अध्याय 8 श्लोक 9 में अपने से अन्य “परम अक्षर ब्रह्म” को सबका धारण और पोषण करने वाला अविनाशी परमात्मा बताया है। इससे स्पष्ट है कि ब्रह्मा, विष्णु, शिव तथा इनके अवतार तथा ज्योति निरंजन (ब्रह्म) परमात्मा नहीं हुए।
ब्रह्मा-विष्णु-शिव सर्वज्ञ भी नहीं!
Who is God in hindi: ब्रह्मा, विष्णु, शिव तथा इनके अवतार तथा ज्योति निरंजन ब्रह्म ने न कवि की भूमिका की। साथ ही, ये सर्वज्ञ भी नहीं हैं क्योंकि श्रीमद्देवीभागवत के पहले स्कन्ध के अध्याय 4 से स्पष्ट है कि ब्रह्मा जी, विष्णु जी को और विष्णु जी दुर्गा जी को सर्व शक्तिशाली बता रहे हैं।
जबकि दुर्गा जी स्वयं श्रीमद्देवीभागवत के सातवें स्कन्ध के अध्याय 36 में ब्रह्म साधना करने के लिए कह रहीं हैं और ब्रह्म गीता अध्याय 15 श्लोक 17 में अपने से अन्य को अविनाशी परमात्मा बता रहा है।
इनका चरित्र भी हमें श्रीमद्भागवत महापुराण प्रथम खंड के तीसरे स्कन्ध अध्याय 12, श्रीमद्भागवत महापुराण प्रथम खंड के आठवें स्कन्ध अध्याय 12, श्रीमद्भागवत महापुराण द्वितीय खंड के दशवें स्कन्ध अध्याय 30 तथा शिवपुराण रुद्रसंहिता युद्ध खंड पृष्ठ 402 में देखने को मिलता है जिससे स्पष्ट है कि ये सत चरित्र वाले भी नहीं हैं।
वेदों अनुसार, कबीर जी परमात्मा (Kabir is God)
यदि वेदों में दिए गए परमात्मा के इन लक्षणों को कबीर जी की जीवनी से मिलान करते हैं तो पता चलता है कि
Who is God in hindi: कबीर परमात्मा की लीलाओं में यह स्पष्ट देखने को मिलता है कि उन्होंने मृत्यु प्राप्त कमाल और कमाली को पुनर्जीवित किया। इसके अलावा, उन्होंने रामानंद ब्राह्मण को भी जीवित किया, जिनकी गर्दन दिल्ली के बादशाह ने काट दी थी। ये लीलाएँ यह प्रमाणित करती हैं कि कबीर परमात्मा ने पाप कर्मों से ग्रस्त लोगों के पापों का नाश किया और उन्हें स्वस्थ जीवन प्रदान किया।
Who is God in hindi: कबीर परमात्मा के गवाह
कबीर साहिब जी समय-समय पर पृथ्वी लोक पर आए हैं और उन्होंने नानक जी, संत गरीबदास जी, धर्मदास जी, मलूकदास जी आदि महापुरुषों को आकर अपना ज्ञान दिया है। कबीर परमात्मा के आई विटनेस ने कहा है:
गरीब, हम सुलतानी नानक तारे, दादू कूँ उपदेश दिया।
जात जुलाहा भेद न पाया, काशी माहीं कबीर हुआ।। – संत गरीबदास जी
हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार।
नानक बुगोयद जनु तुरा तेरे चाकरा पाखाक।। – नानक जी (गुरुग्रन्थ साहिब पृष्ठ 721, राग तिलंग, महला 1)
जिन मोकू निज नाम दिया, सोई सतगुरु हमार।
दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।। – दादू जी
सतलोक में राजा के समान विराजमान हैं कबीर जी
संत गरीबदास जी महाराज की वाणी में प्रमाण है कि
आदि रमैंणी अदली सारा। जा दिन होते धूंधूंकारा।।
सतपुरुष कीन्हा प्रकाशा। हम होते तख्त कबीर ख्वासा।।
अर्थात कबीर साहिब जी राजा के रूप सतलोक में विराजमान हैं।
कबीर जी हुए सशरीर प्रकट और सशरीर गए सतलोक
Who is God in hindi: कबीर परमात्मा सन् 1398 में सशरीर इस पृथ्वी पर प्रकट हुए नीरू और नीमा नाम के जुलाहे दंपत्ति को लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर मिले थे और सन् 1518 में सशरीर अपने सनातन परमधाम सतलोक को लौट गए थे। जिसका कबीर वाणी में प्रमाण है:
गगन मंडल से उतरे, सतगुरु सत कबीर।
जलज माही पोड़न किए, दोहू दीनन के पीर।।
Who is God in hindi: यह प्रमाण कबीर सागर के बोधसागर खंड, अध्याय – अगम निगम, पृष्ठ 41 पर भी मिलता है। जिसमें लिखा है:
ना मेरा जन्म, ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा तहाँ जुलाहे ने पाया।
इसी विषय में संत गरीबदास जी ने कहा है:
गरीब, जिन्दा योगी जगतगुरु, मालिक मुर्शिद पीर।
दोहूँ दीन झगड़ा मंड्या, पाया नहीं शरीर।।
जा कूँ कहैं कबीर जुलाहा, सब गति पूर्ण अगम अगाहा।
Who is God in hindi: कुंवारी गाय के दूध से हुई परवरिश
कबीर साहेब की परवरिश कुंवारी गायों के दूध से हुई थी। जिसका प्रमाण कबीर सागर, अध्याय ज्ञान सागर के पृष्ठ 74 पर भी मिलता है। इसके अतिरिक्त, यह प्रमाण अमर ग्रंथ यानी सूक्ष्म वेद में भी है:
गरीब, अन ब्यावर कूं दूहत है, दूध दिया ततकाल।
पीवै बालक ब्रह्मगति, तहां शिब भये दयाल।।
कबीर जी हैं प्रसिद्ध कवि; जिन्होंने किया गुप्त नाम प्रकट
Who is God in hindi: यह तो सर्व विदित है कि कबीर जी ने कवियों की तरह आचरण करते हुए अपने ज्ञान को कविताओं, दोहों और साखियों के माध्यम से अपने मुखकमल से प्रकट किया। इसी कारण लोग उन्हें आज भी एक प्रसिद्ध कवि मानते हैं। तथा उन्होंने कवियों की तरह आचरण करते हुए मोक्ष मार्ग के यथार्थ गुप्त नामों का ज्ञान कराया था। कबीर साहेब ने संत गरीबदास जी महाराज को स्वयं बताया था कि
सोहं शब्द हम जग में ल्याये, सार शब्द हम गुप्त छिपाये।
Who is God in hindi: कबीर परमात्मा हैं सर्वज्ञ
कबीर साहेब ने आज से 600 वर्ष पहले कबीर सागर के बोधसागर खंड, अध्याय – ज्ञान बोध के पृष्ठ 21-22 पर बताया था कि
मां अष्टंगी पिता निरंजन। वे जम दारुण वंशन अंजन।।
अष्टंगी और काल अब दोई, मंद कर्म से गए बिगोई।।
तीन पुत्र अष्टंगी जाये। ब्रह्मा विष्णु शिव नाम धराये।।
जिसका अर्थ है कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश की माता देवी दुर्गा और पिता ज्योति निरंजन, काल ब्रह्म है। यानि कबीर जी ने कबीर सागर में जो कहा, वही देवी भागवत, शिवपुराण में भी ज्यों का त्यों प्रमाणित है।
इससे स्पष्ट होता है कि कबीर जी सर्वज्ञ हैं और सब कुछ जानते हैं। उन्होंने सभी धर्म ग्रंथों के गूढ़ रहस्यों को अपनी वाणी में समझाया है और भूत, भविष्य तथा वर्तमान में घटने वाली घटनाओं का विस्तार से वर्णन किया है। तथा कबीर जी का चरित्र बिल्कुल पाक साफ है वे सत चरित्र वाले हैं। यह भी सर्व विदित है।
Who is God in hindi: संत रामपाल जी पर उठते सवाल
पाठकों, वेदों और कबीर परमात्मा की लीलाओं से तो यह स्पष्ट हुआ कि काशी में जुलाहे की भूमिका करने वाले कबीर जी ही परमात्मा हैं। लेकिन कुछ आचार्यों का कहना है:
बाबा राज शिव : संत रामपाल जी का कहना है कि ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 86 मंत्र 26 में कबीर जी का नाम है यह बड़ी अचंभित सी बात है जबकि कबीर जी का नाम ऋग्वेद में नहीं है।
आर्य समाजी स्वामी सच्चिदानंद जी – यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 8 में कवि है कबीर नहीं लिखा हुआ और संत रामपाल जी कवि को कबीर बता रहे हैं। जबकि कवि और कबीर में अंतर है।
महंत अमित आचार्य : ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 86 मंत्र 26 का उल्लेख करते हुए अमित आचार्य का कहना है कि वेदों में ‘कबीर’ शब्द का उल्लेख नहीं है बल्कि कवि है जिसका अर्थ सर्वज्ञ होता है। तो इसे वेदों के अंदर जबरदस्ती प्रवेश कराने का प्रयास मत कीजिए। आप परमपिता परमेश्वर के अनुयायी बनें और उस ईश्वर की उपासना करें।
सतपुरुष बाबा का वेद विरुद्ध ज्ञान
सतपुरुष बाबा का कहना है कि कोई कबीर को परमात्मा बता रहा, कोई श्रीकृष्ण को, तो कोई शिव जी को। यदि आप वेद पढ़ लो तो यह प्रश्न आएगा ही नहीं कि परमात्मा कौन है (Who is God in hindi)? साथ ही, उनका कहना है ‘ज्योति निरंजन जाति मेरी एक ओंकार मेरा नाम’ यानि इनके अनुसार परमात्मा ज्योति निरंजन (ब्रह्म) है। वहीं, अपने आप को सतपुरुष बाबा कहने वाले यह महाशय अपने शिष्यों को नाम जाप देते हैं कि ‘एक तू सच्चा एक तेरा नाम सच्चा’ इस मंत्र का जाप करो।
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Who is God in hindi: पाठकों, आश्चर्य की बात है कि वेदों को सर्वोपरि मानने वाले इस प्रचारक ने क्या खाक वेदों को पढ़ा। जबकि यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 15 में केवल एक ओम मंत्र जाप करने के लिए कहा गया है। तथा यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 17 में ज्योति निरंजन (ब्रह्म) अपने से अन्य परमात्मा का जिक्र किया है जिसका ज्ञान सतपुरुष बाबा को भी नहीं है यानि वेद ज्ञान तो इनको भी नहीं है।
Who is God in hindi: कविर ही ईश्वर है – दयानंद सरस्वती
पाठकों, यह एक विचारणीय विषय है कि ये स्वयंभू विद्वानों का दावा है कि वेदों जो कवि शब्द आया है उसे “कबीर” नहीं कहा जा सकता, क्योंकि संधि विच्छेद से जो शब्द “कविर्” बना है, वह केवल “कवि” है। जबकि, दयानंद सरस्वती द्वारा लिखित सत्यार्थ प्रकाश के प्रथम समुल्लास में मूल संस्कृत में लिखा गया है कि कविरीश्वर यानी परमात्मा का नाम कविर् है। इन विद्वानों ने “कवि” का अर्थ केवल कवि कर दिया है, जबकि मूल संस्कृत में “कविरीश्वर” लिखा गया है।
कबीर को संस्कृत में लिखा जाता है कवि:, कविर् या कविम्
आपको यहाँ यह भी बता दें कि, कबीर को संस्कृत में कविर् लिखा जाता है। क्योंकि पंडित सुदर्शन जी अगस्त्य संहिता, द्वितीय अध्याय श्लोक 40 में आए “कविरस्तु” शब्द का अनुवाद कबीर ही किया है।
इसके अतिरिक्त, श्री वैष्णव मताभास्कर के पृष्ठ 13 पर भी कबीर जी को “कविर दास” के रूप में उल्लेख है। इस संदर्भ से यह स्पष्ट होता है कि “कविर” और “कविर दास” एक ही परमात्मा को संदर्भित करते हैं। वेदों में जिसको “कविर” लिखा गया है, संतों ने उसे अपनी स्थानीय भाषा में “कबीर” कहा है।
Who is God in hindi: कबीर साहेब ने स्वयं कबीर सागर (बोधसागर खंड), अध्याय – जीव धर्म बोध के पृष्ठ 2047 में स्पष्ट किया है कि “कबीर” शब्द अरबी और संस्कृत भाषा के मिश्रण से बना है। इसके अलावा, कबीर साहिब की साखी भाग-2 के पृष्ठ 164-165 पर “कबीर, कबिर, और कबीर” सभी शब्दों का उल्लेख किया गया है।
इससे स्पष्ट है कि वेदों में जहां पर भी कवि: या कविर् शब्द लिखा है वह कबीर परमात्मा के लिए ही लिखा गया है।
वेदों में आए कविर् का अर्थ सर्वज्ञ करना उचित या कबीर?
इन महंतों, आचार्यों का कहना है कि ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 86 मंत्र 26 में “कवि:” शब्द है और इसका अर्थ सर्वज्ञ ही होना चाहिए क्योंकि वेदों में “कबीर” कहीं नहीं लिखा है। जबकि संत रामपाल जी महाराज का कहना है कि वेद में जहाँ कहीं भी कविर या कवि: शब्द आया है वह परमात्मा का बोधक है क्योंकि परमात्मा का नाम “कविर्” है। जिसे संत भाषा में हम “कबीर” बोलते हैं।
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Who is God in hindi: अनुवादकों ने कबीर देव के गुणों को अर्थ रूप में लिख दिया, क्योंकि कबीर परमात्मा सर्वज्ञ हैं, यानी सारी सृष्टि के रचनहार हैं। लेकिन अनुवादकर्ता को इस “कविर्” का अर्थ “कविर् देव” करना चाहिए था, जिसे संत रामपाल जी महाराज संत भाषा में “कबीर परमात्मा” कहते हैं।
इन आचार्यों का कहना है कि यह “कबीर” नहीं है, यहाँ तो “सर्वज्ञ” लिखा है। यदि हम भी इन्हीं की तरह बात करें तो पूरी रामायण में “हनुमान” नाम का कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसकी पूजा अमित आचार्य जी करते हैं, जिसने कभी पहाड़ उठाया था। क्योंकि प्रत्येक शब्द का अर्थ होता है जैसे –
शब्द | संधि विच्छेद | अर्थ | |
हनुमान | हनु + मान | हनु = ठोड़ी; मान = वाला | ठोड़ी वाला |
बजरंगी | बज्र + अंग | बज्र = पत्थर, बजरी, कंक्रीट; अंग = शरीर या अंग | बजरी जैसे मजबूत शरीर वाला |
पवनसुत | पवन + सुत | पवन = वायु, हवा; सुत = पुत्र, बेटा | वायु का पुत्र, हवा का बेटा |
इसका मतलब तो रामायण में किसी “ठोड़ी वाले” की महिमा है, न कि हनुमान की। यदि “हनुमान” शब्द का अर्थ कोई रामायण या अन्य ग्रंथ में इस प्रकार अनुवाद करे, तो समझ लीजिए उस अनुवादक ने हनुमान जी का अस्तित्व ही खत्म कर दिया।
Who is God in hindi: इसीलिए यदि रामचरित मानस की किसी चौपाई में “हनुमान जी” लिखा है, तो “हनुमान” ही लिखना पड़ेगा। उसका अर्थ करना मूर्खता है। जहाँ बजरंगी, पवनसुत शब्द लिखा है, उसका अर्थ करना भी मूर्खता होगी। बल्कि उस बजरंगी, पवनसुत शब्द को समझाने के लिए हनुमान ही लिखना पड़ेगा, क्योंकि बजरंगी और पवनसुत शब्द हनुमान जी का ही बोध कराते हैं, जिन्होंने द्रोणागिरी पर्वत उठाया था।
इसी प्रकार, “कवि”, “कविर” तथा “कविर्देव” शब्द उसी कबीर परमेश्वर का बोध कराते हैं, जो सर्व सृष्टि के रचनहार हैं। इसलिए “कवि” का अर्थ “सर्वज्ञ” या “बुद्धिमान” या अन्य करना बिल्कुल व्यर्थ है। क्योंकि कोई कवि सर्वज्ञ नहीं होता। इसलिए कवि का कविर देव या कबीर परमात्मा करना ही सही है।
स्थानीय भाषा में ‘व’ को ‘ब’ बोला जाता है – संत रामपाल जी
Who is God in hindi: जिस प्रकार रामचरितमानस के बालकाण्ड दोहा 143 की चौपाई 3 में “बेद” को अनुवादकर्ता ने “वेद” लिखा है। इसी प्रकार ययदि किसी वेद मंत्र में “कवि या कविर” शब्द लिखा है और वहाँ परमात्मा के विषय में बताया जा रहा है, तो समझ लेना चाहिए कि यह “कवि” शब्द कविर्देव अर्थात कबीर परमात्मा का बोधक है।
क्योंकि संत भाषा तथा स्थानीय भाषा में लोग ‘व’ को ‘ब’ ही बोलते हैं। इसलिए वेदों में वर्णित “कवि” तथा “कविर” शब्द काशी वाले जुलाहे परमात्मा कबीर के ही बोधक हैं।
उदाहरण: यदि ऋग्वेद को संधि विच्छेद करके लिखा जाए:
ऋक् + वेद = ऋग्वेद
यदि संस्कृत में कहीं “ऋक्” ऐसे लिखा हो, तो आम व्यक्ति नहीं समझ पाएगा कि यह “ऋक्” शब्द “ऋग्वेद” का ही बोधक है, जबकि पूर्ण जानकार तुरंत बता देगा कि यहाँ “ऋक्” का मतलब “ऋग्वेद” है।
Who is God in hindi: इसी प्रकार, यदि किसी शब्द को संधि विच्छेद करके लिखें, तो उससे उस शब्द का भाव नहीं बदलता। इसलिए इन वेद मंत्रों में “कविरदेव” को ऐसे “कवि” लिखने से उसका भाव नहीं बदल सकता।
Who is God in hindi: कवि, कविर्देव शब्द कबीर परमात्मा के बोधक
संत रामपाल जी महाराज का कहना है कि “कविर्” शब्द को “कवि” लिखने से यह न समझा जाए कि यह किसी साधारण कवि या साहित्यकार की महिमा है। वे कहते हैं कि वेदों में “कविर्”, “कवि”, “कविर्देव” शब्द कबीर परमात्मा के ही बोधक हैं।
इसी प्रकार, किसी भी ग्रंथ या शास्त्र में “कवि”, “कविर” या “कविर्देव” शब्द लिखा हुआ हो और वहाँ महिमा परमात्मा की हो रही हो, तो वहाँ “कबीर परमेश्वर” अर्थ ही करना पड़ेगा। कबीर परमेश्वर, जिन्होंने सारी सृष्टि की रचना की है। क्योंकि वेद या अन्य धर्मशास्त्र उस सर्वसृष्टि के रचनहार का ही गुणगान करते हैं।
Who is God in hindi: सृष्टि के रचनहार, सबका धारण-पोषण करने वाले, अविनाशी पुरुषोत्तम परमात्मा वही कबीर परमात्मा हैं, जो सन् 1398 – 1518 तक भारत के प्रसिद्ध शहर काशी में एक जुलाहे की लीला करके सशरीर सनातन परमधाम में चले गए थे।
अब रही बात “कबीर” को परमात्मा कहने की, तो आर्य समाज द्वारा अनुवादित वेद मंत्रों में अग्नि यानि परमात्मा अनुवाद किया गया है तो सामवेद के मंत्र 30 में “कविरग्नि” का अर्थ “कविर परमात्मा” हुआ, जिसे संत रामपाल जी महाराज “कबीर परमात्मा” कहते हैं।
Who is God in hindi: निष्कर्ष
पाठकों, इस लेख से यह स्पष्ट होता है कि आचार्यों, कथावाचकों, महंतों का यह दावा गलत है कि वेदों में कबीर जी का नाम नहीं है। बल्कि संत रामपाल जी महाराज का यह दावा की काशी वाला कबीर ही परमात्मा है वह सद्ग्रंथों के प्रमाण और तर्क की कसौटी पर खरा उतरता है। अधिक जानकारी के लिए Factful Debates यूट्यूब चैनल देखिए।
Who is God in hindi: FAQs
वेदों के अनुसार भगवान कौन है?
कबीर साहिब जी
हिंदू धर्म में सच्चा भगवान कौन है (Who is God in hindi)?
परमेश्वर कबीर जी
दुनिया का सच्चा ईश्वर कौन है?
परमेश्वर कबीर जी
क्या श्रीकृष्ण पूर्ण परमात्मा हैं?
पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण उर्फ़ श्री विष्णु जी पूर्ण परमात्मा नहीं हैं।
असली परमात्मा का नाम क्या है?
कविर्देव (कबीर परमात्मा)
मनुष्य को बनाने वाला कौन है?
परमेश्वर कबीर जी
असली परमेश्वर कौन है (Who is God in hindi)?
परमेश्वर कबीर जी
पूर्ण भगवान कौन है?
कबीर परमात्मा